खंडवा। डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय, खंडवा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विश्वरंग हिंदी ओलंपियाड की नामांकन प्रक्रिया 30 सितंबर 2025 तक जारी रहेगी। इस ओलंपियाड में सभी आयु वर्ग के प्रतिभागी पंजीयन
करते ही तुरंत ऑनलाइन परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे। इच्छुक प्रतिभागी पंजीकरण
के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं: https://student.vishwarang.com/auth/registration?utm_source=cvruk। पंजीकरण प्रक्रिया अभी भी जारी है।
आयोजन की जानकारी देते हुए
विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री रवि चतुर्वेदी ने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विश्व स्तर पर हिंदी भाषा के
बढ़ते प्रभाव और उपयोगिता को रेखांकित करना है। इस परीक्षा से विद्यार्थियों के
साथ-साथ सामान्य जन को भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने का अवसर मिलेगा।
आयोजन समिति के अनुसार प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए
जाएंगे।
हिंदी ओलंपियाड 14 से 30 सितंबर
2025 तक केवल ऑनलाइन मोड में आयोजित होगा।
इसमें कक्षा पहली से बारहवीं तक के विद्यार्थी, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के छात्र-छात्राएँ तथा मुक्त श्रेणी के अंतर्गत किसी भी आयु के प्रतिभागी
शामिल हो सकते हैं। पंजीयन की अंतिम तिथि पर भी आवेदन किया जा सकता है और उसी समय
परीक्षा दी जा सकती है।
परीक्षा अवधि 60 मिनट की होगी, जिसमें 50 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। इन प्रश्नों के लिए अधिकतम 100 अंक निर्धारित
हैं। विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सुरभि डिंडोरे ने बताया कि परीक्षार्थियों को आईडी, पासवर्ड या लिंक जारी किए जाएंगे। साथ ही,
यूजी, पीजी
और मुक्त श्रेणी के प्रतिभागियों को अपनी मौलिक रचना किसी भी एक विधा में मेल
द्वारा भेजनी होगी, ताकि उनकी व्यक्तिगत लेखन क्षमता और
रचनात्मकता का मूल्यांकन किया जा सके। परीक्षार्थी क्यूआर कोड स्कैन कर भी आवेदन कर सकेंगे।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरुण जोशी ने कहा कि “हिंदी हमारी भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति और
पहचान की आत्मा है।” उन्होंने बताया कि भाषाई वैश्वीकरण के दौर में हिंदी साहित्य और ज्ञान
का कोष पूरी दुनिया के लोगों को आकर्षित कर रहा है। हिंदी ओलंपियाड भाषा के
प्रचार-प्रसार और उसके महत्व को समझने का अभिनव प्रयास है। यह परीक्षा भारत सहित
विश्वरंग से जुड़े 50 से अधिक देशों में भी आयोजित की जा रही है।
कुलसचिव श्री रवि चतुर्वेदी ने कहा कि उनका संकल्प है “वैश्विक मंच पर हिंदी का ध्वज लहराना।” इसी संदेश के साथ उन्होंने
विद्यार्थियों और प्रतिभागियों से अधिक से अधिक संख्या में हिंदी ओलंपियाड में भाग
लेने का आह्वान किया।